मेरे प्रिय दोस्तों,
मैंने आप सबसे "जन्माष्टमी की पूर्व संध्या" पर कहा था कि एक सरप्राईझ दूंगा |
दोस्तों, भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर उनके पावन चरणों में मेरा समग्र सृजन समर्पित करने के लिएँ मेरा पहला ब्लॉग "विश्वगाथा" शुरू कर रहा हूँ | जिसमें आपको साहित्य की सभी विधाओं पर मेरा सर्जन पढ़ने का अवसर मिलेगा | कईं दोस्तों ने बार-बार आग्रह किया था कि अपना ब्लॉग शुरू करें | मगर सत्कार्य का भी एक समय होता है ! आज वह पावनकारी दिन है, जिस दिन युगपुरुष श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था |
मेरे सभी दोस्तों ने प्यार की बरसात से मुझे हमेशा तरोताज़ा रखा है | उन सभी नामी-अनामी दोस्तों का भी शुक्रगुजार हूँ | यह ब्लॉग में जो भी प्रकाशित होगा, उन विचारों का कोपीराईट "विश्वगाथा" का होगा | इसमें से कुछ भी लेने से पहले सम्मति लेनी अनिवार्य ही है |
ब्लॉग को बनाने में श्री नरेन्द्र व्यास का अमूल्य योगदान है | साथ ही जया (केतकी) शर्मा, कुसुम ठाकुर, रश्मि प्रभा, डॉ. नूतन के साथ आप सभी का स्नेह भी तो था |

साथ ही आप सबकी और से मेरी रचनाओं पर अमूल्य टिप्पणी भी मिलेगी तो मैं समझूंगा की मैं कुछ करेने योग्य हूँ | आपके स्नेह और सलाह का हमेशा ख्याल रखूंगा |

- पंकज त्रिवेदी