भारतीय हिन्दू और मुसलमान को व्यक्तिगत रूप से पूछे तो कहते है की मंदिर बने या मस्जिद, हमें -अमन से रहना है |







अंग्रेजों के बाद हमारे राजनेता मतों की भीख माँगते हैं और हमें आपस लड़ाते हैं | आम आदमी को राम हो या रहीम ! कोइ फर्क नहीं पड़ता...