ईश्वर को
कण-कण में पाने की
मीठी जिद्द और
पूर्ण श्रद्धा से उसे देखने का
सही नज़रिया
और फिर
उनके अहसास को
साक्षात्कार में बदलने वाले
किसी कवि की अनन्य भक्ति से
मोक्ष खुद
धन्य हो जाता है !