बदल रहा है,
घूंघट भी उठ रहा है
देखो, बादलों से बरसता
ये पानी भी तरस रहा है
खेत-खलिहान और इन्सानों का
कूद रहा मन नाच रहा है
आओ मौसम बदल रहा है....