ईश्वर निराकार हैमगर उनके गुण-कर्म-स्वभाव अनंत है । -दयानंद सरस्वती
ईश्वर एक ही है, भक्ति उसे अलग-अलग रूप में वर्णन करती है | - उपनिषद्
जो प्रभु कृपा में सच्चा विशवास रखता है, उसके लिएँ अनंत कृपा बहती है । - माताजी
परमात्मा हमेशा दयालु हैजो शुद्ध ह्रदय से उसकी मदद मांगता है उसे वह अवश्य देता है
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स्वामी विवेकानंद
परमात्मा की शक्ति अमर्याद है, सिर्फ हमारी श्रद्दा अल्प होती है । - महावीर स्वामी