right_side

About

Blogroll

Blogger news

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Blogger templates

Pages

यहाँ प्रकाशित रचनाएँ सर्जकों के द्वारा कोपीराईट से सुरक्षित हैं |. Powered by Blogger.

Popular Posts

Followers

In:

पूनम मटिया की कविता



होता है ,जिंदगी लगती है कभी बेमानी सी

पैरों में जंजीर और धडकनों पर पहरा


हर छोटा सा गम भी लगने लगता है अथाह गहरा


किताब--जिंदगी कुछ उलझी हुई सी लगती है


हर्फ़ बेसाख्ता धुंधले से नज़र आते हैं


हाथों की लकीरों में बस कालिमा सी छा जाती है

खुशियाँ जो थी कभी चिलमन तले छिप जाती हैं


होता है अक्सर ,पर दोस्त मेरे


अंत नहीं ये जिंदगानी के सफर का

मौका नहीं मय्यत की चाह भी करने का

रुको! देखो पलट के


चुने थे फूल भी कभी राहों में

थी घास भी मखमली कभी इन कांटे दार गलियारों में

हर ख्वाब की ताबीर हो ,ये ज़रूरी नहीं

उम्र भर गम से सरोबार दिन –रात हों ये ज़रूरी नहीं


उम्मीद की किरणों को आने दो जहन के रोशनदानों से


फिर खिलेंगे फूल ,महकेगी जिंदगी खुशनुमा अरमानो से


Poonam Matia
MaryKay Beauty Consultant
Pocket - A , 90-B
Dilshad Garden
Delhi-110095

In:

इमरोज़ की कवितायें


(१)
ज़िंदगी तस्वीर भी है
और तक़दीर भी

मन चाहे रंगों से
बन जाये तो तस्वीर
अनचाहे रंगों से
बने तो तक़दीर.....
(२)
जब तू चली जाती है
ज़िंदगी ग़ज़ल हो जाती है
और जब तू आ जाती है
तो ग़ज़ल ज़िंदगी हो जाती है....

In:

रूद्राक्ष : जितुभाई लखतरिया


रूद्राक्ष - प्राकृतिक वनस्पतियों में रूद्राक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के अधिकांश भागों में रूद्राक्ष पाया जाता है तथापि नेपाल, मलाया, इण्डोनेशिया, बर्मा आदि में यह प्रचुर मात्रा उपलब्ध होता है। भगवान शंकर के नेत्रों से रूद्राक्ष की उत्पत्ति मानी जाती है। वृक्ष में रूद्राक्ष फल के रूप में उत्पन्न होता है। आकार भेद से रूद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं। रूद्राक्ष दाने पर उभरी हुई धारियों के आधार पर रूद्राक्ष के मुख निर्धारित किये जाते हैं। एकमुखी दुर्लभ हैं और दो मुखी से 21 मुखी तक रूद्राक्ष होते हैं।

जब कभी रविवार-गुरूवार या सोमवार को पुष्य नक्षत्र पर चंद्रमा हों तो ऎसे सिद्ध योग में रूद्राक्ष का पूजन कर, रूद्राक्ष को शिव स्वरूप मानकर प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है। रूद्राक्ष को माला या लॉकेट के रूप में धारण किया जाता है। तंत्र शास्त्रों के अनुसार रूद्राक्ष धारण
रने पर भूत-प्रेतजनित बाधाओं, अदृश्य आत्माओं तथा अभिचार प्रयोग जनित बाधाओं का समाधान होने लगता है।

रूद्राक्ष दाने को गंगाजल में घिसकर प्रतिदिन माथे पर टीका लगाने से मान-सम्मान तथा यश और प्रतिष्ठा बढ़ती है। विद्यार्थी वर्ग इस प्रकार टीका लगाएं तो उनकी बुद्धि एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है।