तुम्हारी आँखों की गहराई में

मैंने हमेशा देखा है
खुशी का लहराता दरिया
मगर
मेरे जाने के बाद उसी
आँखों से
टपकती एक एक बूँद....
अपने निशाँ छोड़ जाती है...
क्यूंकि
वह गिरने के बाद
अपने नमकीन
दाग़ छोड़ जाते हैं .... !!!


07, अगस्त, 2010