जी सुनती हो...?
आजकल हम दोनों
बहुत busy होने लगे हैं
तुम हो की नई बिहाई
बेटी की चिंता में आधी-अधूरी सी
दे रही हो gift पलपल और दामाद को
खाने में गुजराती ढोकला...
बेटा हमारा घूमता है यहाँ-वहां
मेरी तो दौड़ ज़हन से दोनों के पीछे
मगर आज भी वही प्यार हम दोनों में...

आज भी ये अटूट रिश्ता है
अडिग, पक्का जो था कभी
तुम थी नई नवेली दुल्हन... !
आज लगने लगी भले ही चांदी बालों में
हुई झुर्रिंया थोड़ी सी चहरे पे
हाल ही में शुरू हुआ है दर्द इस घुटनों में
मगर आज भी वही प्यार हम दोनों में...

बच्चों के साथ रहते, घूमते, चलते, फिरते
और गिरते
आँख मिचौलियाँ खेलते हम हलके से
वो तो डूबने लगे अपनी दुनिया में
मानों, कुछ ही दिनों की बात...
मगर आज भी वही प्यार हम दोनों में...

फिर क्या...?
पूछ्ती रहती तुम टेड़ी आँखों से
मैं कहेता बस, फुर्सत ही फुर्सत काटेगी,
चक्कर हमारे बीच
तुम कहोगी और -
अब तो हद हो गई है यार !
मगर आज भी वही प्यार हम दोनों में...