कोइ कुछ भी कहें.....

गांधीजी आज के समय में प्रस्तुत नहीं है ? जब भी किसी महान विभूति ने इस धरती पर जन्म लिया तब उनकी जरुरत थी और उन्हों ने वह साबित करके अपने अस्तित्व को सिद्ध किया है | वह चाहे राम हो, कृष्ण हो, या महात्मा गांधी ही क्यूं न हों !

मैं तो यह कहूंगा कि प्रत्येक व्यक्ति का इस धरती पर महत्त्व है और उसे कूछ आशय से यहाँ जन्म मिलता है | प्रश्न है तो - खुद को समजना, अपनी शक्तिओं से दूसरों के लिएँ जीना | जो सत्कार्य बड़े पैमाने पर विभूतियों ने किया है, शायद हम उतना न कर पाएं तो कोई बात नहीं | मगर किसी गरीब को हमारे कपड़ों में से एक कपड़ा दें या मुठ्ठीभर खाना दें | हमसे कुछ न हो तो एक मीठा शब्द, जो उसका हौसला बढ़ाएं, उसे मेहनत और अच्छे कार्य के लिएँ प्रेरित करें.... यही गांधीजी के जन्मदिन की भेंट होगी |