"विश्वगाथा" पर कुछ टेकनिकल कारण से डॉ. नूतनजी की कविता नहीं रख पाए... अब रविवार को "अतिथि" में रखेंगे... बड़ा संकोच और शर्मिंदगी के साथ आशा करता हूँ कि सभी पाठक गण इस बात को समज पाएँगे... - पंकज त्रिवेदी