"विश्वगाथा" पर कल के अतिथि कौन होंगे? यूं तो वह जानेमाने शायर, कहानीकार, लघुकथाकार और आलोचक भी हैं | गझल के क्षेत्र में उनका कार्य ही उनकी ऊंचाई सिद्ध करता है | बहुत ही लोकप्रिय और सुप्रसिद्ध साईट पर प्रधान सम्पादक होना ही उनकी काबिलियत का दस्तावेज है | नेकदिल और शेरदिल इंसान के रूप में उनका कोइ जवाब नहीं | "विश्वगाथा" के पाठकों के लिएँ यह एक उपहार ही होगा | रविवार की सुबह तक का इंतज़ार आपको बाद में पूर्ण आनंदयात्रा कराएगा |