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Pankaj Trivedi
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संवाद
अतिथि
"विश्वगाथा" पर कल आपको दो-कविताएँ मिलेंगी जिनमे एक कवयित्री-लेखिका और पत्रकार की कलम से चित्रात्मकता और संवेदनात्मकता का अहसास मिलेगा तो दूसरी ऐसी शख्सियत है जिन्होंने हाल ही में कलम उठाई है फिर भी उनकी कलम की धार बहुत पैनी और परिपक्व है और सीधे-सरल अंदाज़ में अपनी अभिव्यक्ति की गहराइयों तक ले जाती हैं. जरूर पढियेगा...आपको निराशा नहीं होगी.
This entry was posted on 8:07 AM
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waiting
intjaar rahega..
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