right_side

सृजनकथा: कुलदेवी माँ हरसिद्धि-मियाणी (पोरबंदर-गुजरात

  • Entries (RSS)
  • Comments (RSS)

सृजनकथा

About

Follow this blog

Blogroll

Blogger news

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Blogger templates

Pages

  • Home
यहाँ प्रकाशित रचनाएँ सर्जकों के द्वारा कोपीराईट से सुरक्षित हैं |. Powered by Blogger.

Popular Posts

  • राष्ट्र भाषा हिन्दी : कल, आज और कल - पंकज त्रिवेदी
    किसी देश की अपनी एक अलग राष्ट्र भाषा होती है | जिसके गौरव के लिए हर आदमी सोचता रहे , यही उस भाषा के अस्तित्त्व का प्रमाण सिद्ध...
  • डॉ. नूतन गैरोला की चार कवितायें
    परिचय - डॉ नूतन गैरोला पेशे से स्त्रीरोग विशे षज्ञ | खुद का हॉस्पिटल | दूर दराज के गाँवों में जहां कोई सुविधा ...
  • रश्मि प्रभा
    दोस्तों, आपका स्वागत है | वैसे तो "विश्वगाथा" को मेरे द्वारा सर्जित साहित्य को प्रकाशित करने हेतु शुरू किया था | मगर हमें अकेला र...
  • अपर्णा भटनागर
    स्वागत ! "विश्वगाथा" के आँगन में पिछले रविवार को हमने अपनी अलग अलग विधाओं में आप सब के लिएँ किसी एक "अतिथि" क...
  • ओम पुरोहित "कागद" की दो हिन्दी कविताएं
    परिचय : जन्म स्थान : केसरीसिंह पुर , श्रीगंगानगर , राजस्थान , भारत कु छ प्रमुख कृतियाँ अंतस री बळत (1988), कुचरणी (1992), सबद गळग...
  • योगराज प्रभाकर की पाँच लघुकथाएँ
    // सलाम (लघुकथा) // सूरज ने फक्कड़ से कहा: " मुझे झुक कर सलाम कर !" " तुझे सलाम करूं ? मगर क्यों ?" " ये दुनिया क...
  • तुम्हारे आने से.... !
    मैंने ही तुम्हें दो - तीन बार कहा अब तुम जाओ और तुम चली भी गई तुम्हारे जाने के बाद मानों अँधेरा सा छा गया एक उदासी भरा ये कमरा ...
  • गुडिया
    वो भी दिवाली के दिन थे... ठान ली थी एक औरत ने आज बेटी की जिद्द पर गुडिया लेने की वह भी ईलेकत्रोनिक्स, महंगी वाली बहुत समझाई थी उसे म...
  • डॉ नूतन गैरोला
    तुम दीप जला-के तो देखो... हमने अँधेरा देखा है एक अहसास बुराई का ये दोष अँधेरे का नहीं ये दोष हमारा है.......... हमने क्यों ...
  • अरुण चन्द्र रॉय की दो कविताएँ
    "विश्वगाथा" पर आज हमारे लिएँ ख़ास "अतिथि" जो है वह पेशे से कॉपीरायटर तथा विज्ञापन व ब्रांड सलाहकार | दिल्ली और एन.सी.आ...

Followers

Blog Archive

  • ►  2011 (78)
    • ►  September (1)
    • ►  August (3)
    • ►  July (3)
    • ►  June (10)
    • ►  May (7)
    • ►  April (7)
    • ►  March (12)
    • ►  February (16)
    • ►  January (19)
  • ▼  2010 (195)
    • ►  December (24)
    • ►  November (41)
    • ▼  October (36)
      • चंद्रकांत बख्शी
      • जया केतकी और रेणु सिंह
      • रश्मि, ऋषि, कुहू, श्रीराम ... ज़िन्दगी की कुछ झलक लिए
      • अतिथि
      • मीरांबाई
      • व्यर्थ नहीं हूँ मै / कलियुग
      • दो कलमें
      • निराशा-आशा
      • डॉ. नूतन गैरोला की चार कवितायें
      • नवलखा मंदिर - धुमली (गुजरात)
      • डॉ. नूतन
      • धरती
      • गुडिया
      • लोग आएँगे आंधी बनकर......!
      • छोटी सी बात
      • सौरभ पाण्डेय की कविता
      • कुलदेवी माँ हरसिद्धि-मियाणी (पोरबंदर-गुजरात
      • सत्य और धर्म की जीत का पर्व : नवरात्रि - जया केतकी
      • नरेन्द्र व्यास की दो कवितायें
      • क्या नखरें करती हैं मेरे बाप !
      • अहसास
      • हाँ, तुम ही..... !
      • योगराज प्रभाकर की एक ग़ज़ल
      • अतिथि
      • तड़पन
      • नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं
      • तुम्हारे आने से.... !
      • अब तो हद हो गई है यार !
      • खड़ा हूँ मैं !
      • अरुण चन्द्र रॉय की दो कविताएँ
      • आज के अतिथि कौन ?
      • नेता नहीं
      • श्रमयज्ञ
      • कोई कुछ भी कहें...... स्वागत है
      • गांधीजी का शहर पोरबंदर
      • बंद मुठ्ठी
    • ►  September (94)

Test Links

  • सृजनगाथा

Search

Posted by Pankaj Trivedi In: चित्रकला

कुलदेवी माँ हरसिद्धि-मियाणी (पोरबंदर-गुजरात

Posted on undefined undefined - 2 Comments
 

This entry was posted on 8:32 AM and is filed under चित्रकला . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0 feed. You can leave a response, or trackback from your own site.

 

2 comments:

Narendra Vyas said...

माँ हरसिद्धि-मियाणी के पावन चरणों में मेरा शत-शत नमन । चरण वन्‍दन ।

October 16, 2010 at 9:53 AM  
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

सुन्दर सार्थक चित्र ... दशहरा पर शुभकामनाएं ..

October 16, 2010 at 11:21 AM  

Post a Comment

Newer Post Older Post Home
Subscribe to: Post Comments (Atom)

Flickr PhotoStream

  • AMARELA
  • London Freewheel 2008
  • ROSA PEQUENA
  • VERMELHA E AMARELA
  • FLOR LARANJADA
  • ABELHAS NA FLOR

2009 सृजनकथा: कुलदेवी माँ हरसिद्धि-मियाणी (पोरबंदर-गुजरात
Bloggerized by : GosuBlogger - Wordpress Theme designed by DT Website Templates | Distributed by The Valley of Flowers in India of the Fractal Enlightenment