पड़ोसी के घर आई है एक लड़की

मानों नींद भी उड़ गई है सब की
लगती वो स्मार्ट है, चलती वो फास्ट है
क्या नखरें करती हैं मेरे बाप !

बोबकट बाल है, उसमें गुलाब है
मीनी स्कर्ट और टी-शर्ट कमाल है
सेंडल और पर्स है, खुद बेमिसाल है
नुक्कड़ पे आहें भरते जवान है
क्या नखरें करती हैं मेरे बाप !

सुबह-शाम निकले वो चक्कर लगाने
रात को खेलती है वो गरबा के फेरें
जवान हो या बूढ़े, देखें तो ज़रा चहरें
ऊपर से भरते हैं वो, आहें कमाल की
क्या नखरें करती हैं मेरे बाप !

कल तो जायेगी वो, सूने होंगे सबके मन
यादों को छोड़कर अपना बनाने का छल
करते थे मस्ती और छेड़छाड़ जवान सब
अरे कैसे झेल पायेंगे बूढ़े और जवान ग़म
क्या नखरें करती हैं मेरे बाप !

पड़ोसी के घर आई है एक लड़की
मानों नींद भी उड़ गई है सबकी