मै कितना भाग्यशाली हूँ की आपने दीवाली में रंगों से सजी रंगोली ही नहीं दी है, मगर इस प्रतीक के साथ जीवन के रंगों की महिमा भी दिखाई है | जीवन में आते-जाते लोग, घटनाएँ और अन्दर-बाहर की संवेदना और चेतना को भी इस सृजन और कलात्मकता के ज़रिएँ दिखाई है | मैं आपका आभारी हूँ |