तेरी याद में.... जया केतकी
हर बात के बाद।
आसमान रोया किसी की याद में,
हर बात के बाद।
सावन की भीगी पलकें, बरसात के बाद।
इन्द्रधनुष की रंगीनी, छाई हर बात के बाद।
महका रही है हमको, सुनहरी धूप के बाद।
रंगों की घटायें छाई, हर बात के बाद।
तुमने रस्म निभाई, मुलाकात के बाद,
खुशियों को भी सहेजा, हर बात के बाद।
तेरी परछाई साथ होती है तेरे जाने के बाद
आती है बात तेरी, हर बात के बाद।
यादों के गीत गूंजे, मिलन की रात के बाद
लिखे अफसाने पढ़े जायेंगे, हर बात के बाद।
This entry was posted on 7:16 AM
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अतिथि-कविता
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3 comments:
तेरी परछाई साथ होती है तेरे जाने के बाद
आती है बात तेरी, हर बात के बाद।
भावनात्मक अभिव्यक्ति ..जब कोई बिछड़ जाता है तो उसकी याद का एहसास तो हर पल रहता है ..बहुत खूब
चलते -चलते पर आपका स्वागत है
आती है बात तेरी, हर बात के बाद।
यही प्रेम है
बहुत बढ़िया पंकज जी....
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