कोहरे ने
आगोश में ले लिया है मुझे
तुम्हारी तरह

और
चुंबनों-सी बारिश की बूँदें
नहलाती है मुझे

मीठी नोंकझोंक-सी
चट्टानों की ठोकरें

फिर भी-
कितनी सुहानी लगती है
यह ज़‍िंदगी...!!