Posted by
Pankaj Trivedi
In:
कविता
वेब दुनिया -पर आई कविता
कोहरे ने
आगोश में ले लिया है मुझे
तुम्हारी तरह
और
चुंबनों-सी बारिश की बूँदें
नहलाती है मुझे
मीठी नोंकझोंक-सी
चट्टानों की ठोकरें
फिर भी-
कितनी सुहानी लगती है
यह ज़िंदगी...!!
This entry was posted on 3:14 AM
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कविता
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9 comments:
सुन्दर कविता.. छू कर निकल गई..
सुन्दर रचना है।बधाई।
फिर भी-
कितनी सुहानी लगती है
यह ज़िंदगी..
जिंदगी जीना एक कला ही तो है और जिसने यह कला सीख ली उसका जीवन सार्थक ......
कम शब्दों में गहरी भावाभिव्यक्ति ...बहुत अच्छी रचना
sundar!
कविता के कोमल भावों ने अंदर तक भिगा दिया..बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति
सुहानी ज़िन्दगी की तरह सुहानी पँक्तियाँ। बधाई।
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
bhadiya
life is worth leaving
anand
बहुत सुन्दर रचना...जीवन की सुंदरता से रूबरू कराती...बधाईयां...सादर...
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