जलना या जलाना है इसका स्वभाव
दहनशील पदार्थ है छोडती अपना प्रभाव
बुझती है जब आक्सीजन का हो अभाव
लेकिन रोशनी और क्षति है इसका भाव

घर्षण से पैदा होती है चिंगारी
चिंगारी से जलती/बढती है ये आग
हवा और ज्वलनशील वस्तु बढाते है आग
पानी और मिट्टी से बुझती है आग

आग पवित्र है हमारी आस्था बनकर
कही जोत, कंही सतत अग्नि बनकर
कंही रोशन करती है रोशनी बनकर
कंही विज्ञान में है सहायक बनकर

वीरो के सीने में भी जलती है आग
क्रोध में भी शब्द उगलते है आग
दुश्मनी में भी एक हथियार है आग
जीवन में भी एक जरुरत है आग

कभी आस है आग, तो कभी है विनाश
कभी दाह है आग, तो कभी है प्रकाश
कभी त्यौहार है आग, तो कभी है द्वेष
कभी गवाह है आग, तो कभी है क्लेश

संस्कृति, जीवन और विज्ञान
आग का है हर पल योगदान
प्रयोग करे, दे इसे मान सम्मान
रिश्तो मे जोड ना करे अपमान