लचकती शाखों पर खिलता गुलाब
याद तुम्हारी दिलाता है
सोचते हैं तुम्हारा नाम गुलाब रख दें
पर डरते हैं शाम के ढलते ही
कहीं तुम बिखर न जाओ
कजरारी बदली में छुपा चाँद
याद तुम्हारी दिलाता है
सोचते हैं तुम्हारा नाम चाँद रख दें
पर डरते हैं सितारों के दीप बुझते ही
कहीं तुम छुप न जाओ
आओ तुम्हारा नाम धड़कन रख दें
ताकि जिन्दगी के रहते कभी साथ छोड़ न पाओ