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Pankaj Trivedi
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अतिथि-कविता
पूनम मटिया की कविता
लाचारगी झलकती है आँखों में
माथे पर शिकन कुछ ज्यादा हैं
जिंदगी थोड़ी छोटी है ,
और काँधे पर बोझ कुछ ज्यादा है
नकली सी मुस्कान चेहरे पर आती है
जब खुशी पल भर के लिए दरस दिखाती है
उम्र का क्या ,
यूँही बढती चली जाती है
ताउम्र तलाशता है
पल भर का विश्राम ये आम आदमी ,
जानते हुए भी कि
मिलेगा वो दुष्ट सिर्फ मृत्यु –शय्या पर.............
This entry was posted on 9:49 PM
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अतिथि-कविता
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shukriya pankaj ji
ताउम्र तलाशता है
पल भर का विश्राम ये आम आदमी ,
जानते हुए भी कि
मिलेगा वो दुष्ट सिर्फ मृत्यु –शय्या पर......वाह निम्बोली का जूस पीना कितना अच्छा होता है जीवन को चले में या स्वस्थ रखने में ....पर दो पल की घूंट में जीवन चलाना इन्सान जाना ही नहीं .....बात ये है पकंजी ....बधाई जी पूनम जी को !!!!!!!!Nirmal Paneri
जीवन में संघर्ष और अस्तित्व कि इस लड़ाई ने विश्राम के पाल कहाँ दिये....??? चिर विश्राम मृत्यु शय्या पर ही संभव है ....बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना ...पूनम जी शुभ कामनाएं...अपर्णा जी का आभार....
ताउम्र तलाशता है
पल भर का विश्राम ये आम आदमी ,
जानते हुए भी कि
मिलेगा वो दुष्ट सिर्फ मृत्यु –शय्या पर.............
जीवन संघर्ष करते हुए हमेशा भ्रमित रहता है इंसान की अब उसे आराम मिलेगा ..सच ही है की उसे कभी आराम मिल ही नहीं पाता ...बहुत अच्छी भाव पूर्ण रचना ,बधाई
बहुत खूब........पूनम...........इक बहुत बढ़िया रचना .....जीवन यात्रा इक ऐसी यात्रा है.जहा इंसान को निरंतर चलना हि पढता हैं..........आराम उसे बस मृत्यु शैय्या पर ही जाकर मिलता है.........और येही जीवन का सच हैं.....
very nice poonam ji.
ATI SUNDER RACHNA POONAM JI,,, KYA KHOOB KAHA HAI AAPNE JEEVAN KI YATRA KO BHAKHOOBI APNE SHABDO KE MAALA MAI PIROKAR TO OR BHI MAARMIK OR SAJIV BANA DIYA HAI AAPNE. YEH ZINDAGI KA FALSAFA HI HAI KI USE NIRANTAR CHALANA HI PADTA HAI....... AAPKI IS SUNDER RACHNA NE HAR JEEVAN KE UTAR CHADAV KO KHOOB DARSHYA HAI AAPNE. OR AAPKE SARAL SABDO NE TO IS GOR RACHNA KO IS GUL MAI SUNAGDA BIKHER DI HAI.......... WAH WAH JI.
निर्मल पानेरी जी .........बहुत शुक्रिया .....सच कहा आपने कड़वे घूंट पीना इंसा ने जाना नहीं
Sriprakash Dimri जी शुक्रिया
इन्दर पाल सिंह "निडर"..........जी धन्यवाद
नरेश .........शुक्रिया
नीरज जी .......आपके विशलेषण और प्रोत्सह्वर्धक शब्दों के लिए आभार
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