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Pankaj Trivedi
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कविता
तेरे ही नाम से.... ! - पंकज त्रिवेदी
दिल हैं तो धड़कता हैं तेरे ही नाम से,
कहूं क्या ये लगन हैं तेरे ही नाम से |
तूं कौन, मैं हूँ कौन, हम क्यूं फ़िक्र करें ?
तूं कौन, मैं हूँ कौन, हम क्यूं फ़िक्र करें ?
भरोसा सिर्फ हमें यहाँ तेरे ही नाम से |
न चार दिन की ज़िंदगी, न सदियाँ यहाँ हैं,
जीना हैं यहाँ हमें तो सिर्फ तेरे ही नाम से |
तूं हैं या नहीं भी तो बात क्यूं करें हम ?
लोग हैं कहेंगे, मगर हूँ मैं तेरे ही नाम से !
This entry was posted on 5:17 AM
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कविता
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3 comments:
सुन्दर गीत ! बहुत बढ़िया !
सम्मानीय पंकज जी क्या खूब भाव-विभोर कर देने वाली पंक्तियाँ कहीं हैं आपने.. बेहद ही भावुक और कोमल भाव अंतर्मन को गुदगुदा गए..आप सदा स्वस्थ रहें और ऐसे ही एक से बढ़कर एक रचनाओं, गीतों से हमें सरोबार करते रहें. यही ईश्वर से सदा कामना करता हूँ... प्रणाम !
बहोतही अच्छी कविता है!!
सपना
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