कौन कहता हैं तुम नहीं हो यहाँ पर
यही ज़ख्म खड़े हैं झुककर यहाँ पर !

यह ज़ख्म भी बड़े शरारती हैं मेरे यार !
तुम्हारे न होने के बिच रुलाता है हमें !